सीता मैया अवध गेली बियाहल
बहिन कें नहि भेलनि सुख प्राप्त
बिदा भेली कानन बिहार सँ
फेर असगरे केलीह आँच बिहार।
तदुपरांत अर्थगर्भित होइतहुँ
कयलनि स्वाभिमान संग वन बिहार
आइ मैया आ बहिन सीताकें
बड़ दिन बाद भेटतनि ससुरारि।
बिन सीता, राम केर अस्तित्वक
हम सब नहि करी कोनो विचार।
मैथिल छी हम तैँ, मैथिली केर
नहि सहि सकैत छी तिरस्कार।।
जय जय सियाराम
Comments